भीतर क्या क्या हो रहा

भीतर क्या क्या हो रहा ऐ दिल कुछ तो बोल
एक आँख रोए बहुत एक हँसे जी खोल।।

~ भगवान दास एजाज़ साहब

Comments

Popular posts from this blog

गर्दिशों का दौर

चेहरे पे चेहरा