हमनवां
है ख़ामोश तु क्यों गुल राज़ बता,
हमनवा से ना छुपा हर बात बता,
चाहती है बेहद तन्हाईया भी मुझे,
आ मुझ को तु मिल जज़्बात बता,
ये हाल मेरे हाल से मेल खाते नही जाँ,
चल तु अपने ही कुछ हाल चाल बता,
है खुश्क सा बहुत नगर दिल का मेरे,
चाहत बरसी थी कब दिन, महीना, साल, बता।
- निलेश गौड़
Comments
Post a Comment